केंद्र सरकार महंगाई पर काबू पाने में विफल:बघेल
केंद्र सरकार महंगाई पर काबू पाने में विफल:बघेल
पंजाब मॉडल में हर वर्ग का रखा जाएगा ख्याल
चंडीगढ़, 31 जनवरी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र की भाजपा सरकार को महंगाई के मुद्दे पर घेरते हुए कहा है कि केंद्र सरकार महंगाई के मुद्दे पर पूरी तरह फेल रही है और नरेंद्र मोदी का गुजरात मॉडल विफल हो चुका है। इस श्रृंखला में, पैट्रोल डीजल के रेट जहां सेंचुरी लगा चुके हैं। रसोई गैस का सिलेंडर एक हजार रुपये को पहुंच चुका है।
सोमवार को चंडीगढ़ स्थित पंजाब कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में भूपेश बघेल ने कहा कि दाल और खाने के तेल का रेट 100 से 200 रुपये कब पहुंच गए हैं। यहां तक कि चाय पत्ती और नमक जैसी वस्तुओं के रेट भी आम व्यक्ति की जेब से बाहर हो चुके हैं। उन्होंने खुलासा किया कि बीते सालों में भाजपा की संपत्ति करीब 4800 करोड़ रुपए पहुंच चुकी है। इनके मित्रों की संपत्ति में भी बढ़ोतरी हुई है, जो अरबपति से खरबपति बन चुके हैं।
उन्होंने कहा कि डॉ.मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार के वक्त अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड आयल महंगा होने के बावजूद देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी काले खेती कानूनों के खिलाफ किसानों के साथ रही है। पार्टी की राज्य सरकारों ने इन कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए। लेकिन 14 महीने तक केंद्र इन कानूनों पर बैठा रहा और चुनाव नजदीक आने के बाद ही इन्हें वापस लिया।
पंजाब कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब मॉडल का जिक्र करते हुए कहा कि यह समाज के हर वर्ग की इच्छाओं पर आधारित सबके कल्याण के लिए बना है। पंजाब मॉडल पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और संविधान निर्माता डॉ बी.आर अंबेडकर की नीतियों पर आधारित है। इस मॉडल को तैयार करने के लिए गहरी रिसर्च, पॉलिसी व फंडिंग आदि पर काम किया गया है। यह मॉडल कांग्रेस के सीनियर नेता राहुल गांधी की सोच पर आधारित है, ताकि सभी वर्गों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल द्वारा चुनाव के वक्त वहां के लोगों से किया गया एक भी वायदा पूरा नहीं किया गया। न युवाओं को रोजगार मिला और ना ही अध्यापकों को पक्का किया गया है। उनके पंजाब मॉडल पर सबसे पहले रोजगार पर जोर दिया जाएगा और 5 सालों में 5 लाख युवाओं को रोजगार देने पर काम किया जाएगा। यहां तक कि कम से कम हर 6 महीने में 40 हजार से 50 हजार रोजगार दिए जाएंगे।